यह सिन्दौरा मेरा है .
मैं इसी के साथ यहाँ आई थी
कहा गया था की बहुत संभालना है इसे मुझे
सिर से लगाकर ही पीना है पानी
और फिर छूने हैं सबके चरण
य भी कहा की दीवारों के भीतर तक है मेरा घर
कहते थे की अब मैं बड़ी हूँ और जिम्मेदार भी
मैं भी रखती थी सिन्दौरा बक्से में और लगाती थी एक ताला उसमें
लेकिन अचानक कल कुछ हुआ
एक मेरे गौरेया आँगन में आई
और मेरी पलकों पर सोये गीत ले भागी
मैं भागी उसके पीछे और भूल आई ताला वहीँ पर
अब बक्सा खुला है .
कोई क्या चुराएगा ! क्या मेरा सिन्दौरा ?
अगर चुरा भी ले गया
तो क्या ले जायेगा
!
मैं अपने गीत वापस मांग लाइ हूँ उस गौरेया से !!
मैं इसी के साथ यहाँ आई थी
कहा गया था की बहुत संभालना है इसे मुझे
सिर से लगाकर ही पीना है पानी
और फिर छूने हैं सबके चरण
य भी कहा की दीवारों के भीतर तक है मेरा घर
कहते थे की अब मैं बड़ी हूँ और जिम्मेदार भी
मैं भी रखती थी सिन्दौरा बक्से में और लगाती थी एक ताला उसमें
लेकिन अचानक कल कुछ हुआ
एक मेरे गौरेया आँगन में आई
और मेरी पलकों पर सोये गीत ले भागी
मैं भागी उसके पीछे और भूल आई ताला वहीँ पर
अब बक्सा खुला है .
कोई क्या चुराएगा ! क्या मेरा सिन्दौरा ?
अगर चुरा भी ले गया
तो क्या ले जायेगा
!
मैं अपने गीत वापस मांग लाइ हूँ उस गौरेया से !!
गीतों और संगीत के साथ-साथ साहित्य की दीवानगी आपको ब्लॉग तक खींच लाई, अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंइस गीत को अब खोने मत दीजियेगा।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये
बहुत खूब प्रज्ञा जी, बधाई। कहीं कहीं शब्दों की जो गलतियाँ है, नि:संदेह वे हिन्दी टाइपिंग के चलते होंगी। उम्मीद करता हूँ, धीरे-धीरे ऐसी गलतियाँ अपने आप दूर होती चली जाएँगी। और हाँ, क्मेंट्स बॉक्स से यह वर्ड वैरीफिकेशन का झंझट हटा दें, दुखी करता है कमेंट देने वाले को। इसका कोई लाभ भी नहीं है, उल्टा नुकसान ही है कि लोग कमेंट करने से कतराने लगते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत बड़ी ये बात है वापस लाये गीत।
जवाब देंहटाएंवक्त सहज कट जायेंगे अगर गीत से प्रीत।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
कात्यायनी की कविता-पंक्तियां शीर्ष पर रखकर एक मासूम सी कविता अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंकाश आप उस गौरैया के गीत भी साथ ले आतीं....
अरे.....रे.....रे.....रे.....हमारी गौरैया कहाँ गयी भई.....कहीं वही तो आपके पास नहीं आ गयी....??..........उसे जल्दी से लौटाएं प्लीज़..........!!
जवाब देंहटाएंPragya ji,
जवाब देंहटाएंBadhiya kavita hai.asha karta hoon age bhee likhtee rahengee.shubhkamnayen.
HemantKumar
achha laga..........bahut achha
जवाब देंहटाएंbhawanao ko sahbdo me aapne bahuat hi sundar ukera hai. bahuat bdahi... yoo hi shabdo kee tulikao se rang bharte rahiye...
जवाब देंहटाएंnarayan narayan
जवाब देंहटाएंआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
जवाब देंहटाएंचिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी
sunder rachna ke liye badhai. blog jagat men swagat.
जवाब देंहटाएंBAHOT KHUB BHAV KE SAATH LIKHAA HAI AAPNE YE KAVITA BEHAD UMDA... DAAD KE KAABIL... BADHAAYEE SWIKAAREN..
जवाब देंहटाएंARSH
boht bhawpuran kavita...sunder shabdo ke sath...
जवाब देंहटाएंvah geet hi toh hum logo ki jaan hai !!! bachaye rakhna........... !!!!!
जवाब देंहटाएं