लमहा -लमहा
अब वक़्त आ गया है कि तुम उठो और अपनी ऊब को आवाज़ दो
बुधवार, 6 मई 2009
आप सब लोगों ने मेरी कविता को पसंद किया और अपनी टिपण्णी लिखी इसके लिए धन्यवाद. भविष्य में भी इसी तरह मेरा ब्लॉग पढ़ केर टिपण्णी करते रहें ।dhanyawad
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