पहले तुमने ही शुरू किया रगडा .
मैंने नहीं .
कहाँ है मेरे हिस्से की ज़मीन
कभी मैंने यह नहीं कहा .
लेकिन तुम बताओ
तुला के दोनों पलड़े बराबर हैं तो
मैं पड़ क्यों रही हूँ हलकी .
अपने एक पाँव पर मैं सदियों से खडी हूँ और
तुम उस एक पाँव को भी उखाड़ने पर तुले हो.
मेरे एक पाव को ज़मीन से हटाकर क्या कुछ और खोना है तुम्हें
जानते तक नहीं कि हो कितने अज्ञानी .
स्त्री का एक पाँव जो ज़मीन से उठ गया है
दरअसल वह तुम्हारा ही पाँव तो है .
ठौर नहीं है तुम्हारी .
वह दूसरा पाँव जो हट जाए .
इसलिए जब बात इतनी बढ़ गयी है
अब उसका ठिकाना बिना रगड़े के उसे दे दो .
वह तुम्हारे लिए भी बनाएगी आशियाना
क्योंकि सारी शक्तियाँ बटोर ली हैं तुमने
सारे फैसले भी
कर पाओगे क्या एक बड़ा फैसला
कुछ बाकी है तुममें तो इमानदारी से छोडो ये रगडा और
उसके हिस्से की दुनिया उसे लौटा दो .
इसके पहले कि वह उठा ले कदम .
समय अब भी है सोचने के लिए .
तुम उसे सौपो तो एक बार
ये अपना घुटता जहान .
मैंने नहीं .
कहाँ है मेरे हिस्से की ज़मीन
कभी मैंने यह नहीं कहा .
लेकिन तुम बताओ
तुला के दोनों पलड़े बराबर हैं तो
मैं पड़ क्यों रही हूँ हलकी .
अपने एक पाँव पर मैं सदियों से खडी हूँ और
तुम उस एक पाँव को भी उखाड़ने पर तुले हो.
मेरे एक पाव को ज़मीन से हटाकर क्या कुछ और खोना है तुम्हें
जानते तक नहीं कि हो कितने अज्ञानी .
स्त्री का एक पाँव जो ज़मीन से उठ गया है
दरअसल वह तुम्हारा ही पाँव तो है .
ठौर नहीं है तुम्हारी .
वह दूसरा पाँव जो हट जाए .
इसलिए जब बात इतनी बढ़ गयी है
अब उसका ठिकाना बिना रगड़े के उसे दे दो .
वह तुम्हारे लिए भी बनाएगी आशियाना
क्योंकि सारी शक्तियाँ बटोर ली हैं तुमने
सारे फैसले भी
कर पाओगे क्या एक बड़ा फैसला
कुछ बाकी है तुममें तो इमानदारी से छोडो ये रगडा और
उसके हिस्से की दुनिया उसे लौटा दो .
इसके पहले कि वह उठा ले कदम .
समय अब भी है सोचने के लिए .
तुम उसे सौपो तो एक बार
ये अपना घुटता जहान .