तुम चाहते हो
अकेली मिलूं मैं तुम्हें
पर अकेली नहीं मैं
मेरे पास है
मेरी ज्वालाओं की आग
तमाम वर्जनाओं का पूरा अतीत ।
जबसे ये जंगल हैं
तबसे ही मैं हूँ ढोती
नई सलीबें!
मैंने उफ़ नहीं की
मगर बनाती गई
आग के कुँए अपने वजूद में
तुमने जाना की मौन हूँ
तो
हूँ मैं मधुर!
मगर मैं तो मजबूत करती रही रीढ़
कि
करुँगी मुकाबला एक दिन
रतजगों ने दी
जो तपिश उसको ढाला
मैंने कवच में
उसी को पहन आउंगी तुमसे मिलने.
अकेली नहीं मैं .
बहुत बढिया तरीके से आपने अकेले मिलने के निमन्त्रण का जबाब दिया है.
जवाब देंहटाएंसती चौरा की आग ।
तमाम वर्जनाओं का पूरा अतीत ।
इस आग को बचाये रखना.
बहुत सुंदर !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंमेरी हार्दिक बधाई !छट पटाहट को शब्द दिया तुमने !
अकेली नही मै !! !इसे हथियार की तरह उठा ले औरते !
क्योकि हर देश में अकेली है ..............औरत !!!!!!
stri man ki chatpatahat aur antarvedna ko ji tarah aap ne shabd diye hai adbhud hai ,,,, saath hi uski sahaj sahjta aur uski srjan shakti ko bhi aap ne darsaya hai
जवाब देंहटाएंmera prnaam swikaar kare
saadar
praveen pathik
9971969084
बहुत खूबसूरत एहसास की कविता.
जवाब देंहटाएं====
उसी को पहन आउंगी तुमसे मिलने.
अकेली नहीं मैं .
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अकेले न होने का यह विश्वास --- यह कवच बहुत खूबसूरत है.
varjnaon ka ateet..........
जवाब देंहटाएंkhol dega dwaar.........
ek din...........
fir akeli nhi hogi tum!!!!!!!!
BEHAD KHUBSURATI SE KADWAHAT KO JAGAH DI HAI AUR UTANE HI KHUBSURATI SE SHABDON ME PIROYA HAI AAPNE BAHOT BAHOT BADHAAYEE AAPKO...
जवाब देंहटाएंARSH
अच्छी कविता है -
जवाब देंहटाएंएक चीज़ खास लगी - इसमे अकेला होना एंकात की तरफ नहीं जाने देता। हर शब्द जैसे छुआ हुआ सा लगता है।
उस बाज़ की तरह से जो आसमान मे अकेला तैरता है लेकिन जमीन की हर चीज़ को देख सकता है।
शब्दों मे वो दम है -
सत्य, आपके हिस्से के सफे कोरे नहीं छूटेंगें, पाठकों के दिलों में गहरे से पैठ जायेंगें.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
बहुत अच्छी कविता के लिए बधाई। आपने मेरी प्रिय कवयित्री कात्यायनी की कविता का अंश अपने ब्लाग के मुखपृष्ठ पर चस्पां किया, देखकर मन प्रसन्न हां गया। और बेहतर लिखने के लिए शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंतमाम वर्जनाओं का पूरा अतीत ।
जवाब देंहटाएंmain fida ho gaya ye line padh kar
jab mai aatit ki parchhayi me jata hon to mojhai ehsaa hi lagta hai.
rakesh
wah.....jo ubaal aaj ki nari ko math rahe hai...
जवाब देंहटाएंtumne unhe shabd diya....
sunder abhivyakti.